हर साल प्रदूषण से 70 लाख लोगों की मौत, भारत का यह महानगर सबसे ज्यादा प्रदूषित, 134 देशों में तीसरे नंबर पर है भारत
Most Polluted City: WHO के अनुसार, दुनियाभर में हर साल तकरीबन 70 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण के कारण समय से पहले मौत हो जाती है. प्रदूषण के कारण अस्थमा, कैंसर फेफड़ों की बीमारी समेत अनेक बीमारियां हो सकती हैं.
हर साल प्रदूषण से 70 लाख लोगों की मौत, भारत का यह महानगर सबसे ज्यादा प्रदूषित, 134 देशों में तीसरे नंबर पर है भारत
हर साल प्रदूषण से 70 लाख लोगों की मौत, भारत का यह महानगर सबसे ज्यादा प्रदूषित, 134 देशों में तीसरे नंबर पर है भारत
Most Polluted City: स्विस संगठन IQAir ने विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2023 जारी किया है. इस रिपोर्ट में सबसे प्रदूषित शहर में दिल्ली टॉप पर है. आपको बता दें कि दिल्ली लगातार चौथे बार टॉप पर रही है. इसी के साथ 134 देशों में से भारत प्रदूषण के मामले में तीसरे नंबर पर हैं. बिहार का बेगूसराय दुनिया का सबसे प्रदूषित महानगर क्षेत्र बन गया है जबकि दिल्ली को सबसे खराब वायु गुणवत्ता (Air Quality INDEX) वाले राजधानी शहर के रूप में दर्ज किया गया है.
134 देशों में तीसरे नंबर पर है भारत
स्विट्जरलैंड के संगठन ‘आईक्यूएयर’(IQAir) की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2023(world air quality report 2023) के अनुसार, औसत वार्षिक 54.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की पीएम(micrograms per cubic meter of PM) 2.5 सांद्रता के साथ भारत 2023 में 134 देशों में से तीसरा सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला देश रहा. उससे पहले बांग्लादेश (79.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) और पाकिस्तान (73.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) रहे. भारत 2022 में औसतन 53.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की पीएम2.5 सांद्रता के साथ आठवां सबसे प्रदूषित देश रहा था.
प्रदूषण से कई बीमारियों का खतरा
पीएम 2.5 को ‘फाइन पार्टिकुलेट मैटर’ कहा जाता है. ये कण 2.5 माइक्रोन या छोटे आकार के होते हैं और ये सांस लेने के दौरान निचले श्वसन तंत्र तक पहुंच जाते हैं. बेगूसराय औसतन 118.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की पीएम 2.5 सांद्रता के साथ वैश्विक स्तर पर सबसे प्रदूषित महानगर दर्ज किया गया है जबकि 2022 की रैंकिंग में इस शहर का नाम भी नहीं था. दिल्ली 2018 के बाद से चौथी बार दुनिया में सबसे प्रदूषित राजधानी शहर चिह्नित किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा अनुमान है कि भारत में 1.36 अरब लोगों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की अनुशंसित पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक की पीएम2.5 सांद्रता का सामना करना पड़ा
हर साल प्रदूषण से 70 लाख लोगों की मौत
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनियाभर में हर साल तकरीबन 70 लाख लोगों की वायु प्रदूषण के कारण समय से पहले मौत हो जाती है. पीएम2.5 वायु प्रदूषण के कारण अस्थमा, कैंसर, आघात और फेफड़ों की बीमारी समेत अनेक बीमारियां हो सकती हैं.
वायु प्रदूषण से होती हैं ये बीमारियां
प्रदूषण की वजह से कई तरह की बीमारियां हो सकती है, जिसमें अस्थमा, आंखों और स्कीन में जलन होना आम समस्या है. कई लोगों को ज्यादा पॉल्यूशन में जाने से आंखों में जलन, आंखों से पानी आना, सांस लेने में दिक्कत, खांसी की समस्या होने लगती है. इसके अलावा छोटे बच्चों में निमोनिया की समस्या बढ़ जाती है. इसके साथ हार्ट और फेफड़ों जुड़ी बीमारियां, स्ट्रोक, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, ब्रोन्कस और फेफड़ों के कैंसर, गंभीर अस्थमा और निचले श्वसन संक्रमण का खतरा बना रहता है.
प्रदूषण वाले इलाके में सावधानी बरतने की जरूरत
प्रदूषण से सबसे ज्यादा समस्या बुजुर्गों और छोटे बच्चों को होती है. इससे बचने के लिए प्रदूषण वाले जगहों पर जाने से बचें. इसक अलावा जब ज्यादा जरूरत हो तो मास्क पहन कर या किसी कपड़े से अपना नाक और मुंह ढंक कर निकले. आंखों पर चश्मा पहनना न भूलें. इससे आंखों में जलन से बचाव हो पाएगा. इसके साथ ही बाहर से आने पर सबसे पहले अपने हाथ को साफ करें, इसके बाद चेहरे और आंखों को साफ पानी से धो लें.
11:51 AM IST